शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

कौन सही कौन गलत ?

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एक पीठ ने औरंगजेब रोड का नाम बदल कर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर करने से उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को रोकने संबंधी एक जनहित याचिका पर केंद्र से आज जवाब मांगा। अधिवक्ता शाहिद अली की याचिका में नाम बदलने के इस निर्णय को ‘‘विकृत और सांप्रदायिक राजनीति’’ तथा ‘‘इतिहास की समझ की कमी’’ बताया है। भाजपा सांसद महेश गिरि, मीनाक्षी लेखी ने सड़क के नाम में परिवर्तन का आग्रह किया था जिसे एनडीएमसी ने 28 अगस्त को स्वीकार कर लिया। यदि डा कलाम जैसे व्यक्तित्व के स्थान पर कहीं संघ या जनसंघ के किसी नेता का नाम होता तो पूरा शर्मनिरपेक्ष मीडिया दिन रात मोदी को कोसता ही रहता। 
जबकि सड़क का नाम डा कलाम जैसे व्यक्तित्व के नाम पर रखने से जिसे कष्ट हो, वो ही विकृत और सांप्रदायिक राजनीति का रोगी है। आप ही बताएं, डा कलाम का सम्मान विकृत और सांप्रदायिकता है या इसका विरोध ? 
क्या आप मेरी बात से सहमत हैं ? कौन सही कौन गलत ? 
इतिहास को सही दृष्टी से परखें। राष्ट्र का गौरव जगाएं, भूलें सुधारें।
आइये, आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा । तिलक YDMS

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