रविवार, 6 अप्रैल 2014

भाजपा को स्थापना दिवस उपहार

भाजपा को स्थापना दिवस उपहार 
'Spectacular BJP win'भाजपा और उसके सहयोगी दलों को लोकसभा चुनाव में अभी तक 259 सीटों पर विजय, शुक्रवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को 123 सीटें पाने का अनुमान है। 
जिसमे भाजपा 214 सीटों का अनुमान और कांग्रेस 104, एनडीटीवी द्वारा सर्वेक्षण के अनुसार। 
उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में जहां भाजपा ने नरेंद्र मोदी को अपनी ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप मैदान में उतारा है, भाजपा के लिए यह एक "भव्य जीत" दर्शाता है। 
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'भाजपा की भव्य जीत'

भाजपा को 2009 चुनाव में मात्र 10 की तुलना में, राज्य की 80 सीटों में से 53 जीत की आशा है. 
उत्तर प्रदेश केंद्र में सत्ता की कुंजी है क्योंकि अब तक भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1998 के चुनावों में था, जब यह राज्य में 57 सीटें जीती है। 
भाजपा सवर्ण और पिछड़ी जाति के मतदाताओं का एक गठबंधन यह बनाने के लिए काम 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश में बड़ी विजय का संकेत है। दूसरी ओर दक्षिण में तेदेपा की राजग में वापसी, 10 वर्ष पश्चात् भाजपा के भाग्य का चक्र घूमा है। यह भाजपा को उसके स्थापना दिवस उपहार है। 
सर्वेक्षण से यह भी पता चला है, कि हर राज्य के किसी क्षेत्र में बड़े नेताओं के क्षेत्ररक्षण की अपनी रणनीति के साथ भाजपा का भाग्योदय हो सकता है। 
A new
survey says
the BJP is
expected to win
53 of UP's 80 seats,
compared to just
10 in the 2009
polls. Pictured is BJP prime ministerial candidate Narendra Modiचित्र में भाजपा प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी
 
सर्वेक्षण में कांग्रेस और अजित सिंह के नेतृत्व में अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकदल के लिए सबसे बड़ा क्षय की भविष्यवाणी की गई है। 
वे 2009 में 26 सीटों में से मात्र सात सीटों के लिए आशा कर रहे हैं। 
उत्तर प्रदेश में भाजपा का लाभ भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के लिए खाते से हैं। 
2009 में राज्य में सबसे अधिक सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी, इस समय मात्र 13 या नीचे10सीटों पर सीमित रह जायेगी। 
पार्टी को गत वर्ष के मुजफ्फरनगर दंगों के प्रभाव का फल भुगतना लगता है और गत माह के सर्वेक्षण निष्कर्ष में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को संसद में 230 का तथा कांग्रेस और उसके सहयोगियों के लिए 128 सीटों का आंकड़ा दर्शाया गया था। 
यह नया सर्वेक्षण, पहले सर्वेक्षण से भी एक मामूली उच्च आंकड़ा प्रस्तुत करता है। नए साथी जुड़ना चालू है, तथा स्थिति और बदलेगी। 
एक नए सर्वेक्षण से कहते हैं. कि भाजपा को उत्तर प्रदेश की 2009 चुनाव में मात्र 10 की तुलना में 80 सीटों में से 53 जीत की आशा है।
उत्तेजना व भूलों से बचे रहें, अंतत: लक्ष्य 272+ सफल हो ही जायेगा। 
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
"अंधेरों के जंगल में, दिया मैंने जलाया है |
इक दिया, तुम भी जलादो; अँधेरे मिट ही जायेंगे ||"- तिलक
इतिहास को सही दृष्टी से परखें। गौरव जगाएं, भूलें सुधारें। आइये, आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा । तिलक YDMS

मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

नव संवत 2071, चैत्र प्रतिपदा

नव संवत 2071, चैत्र प्रतिपदा की शुभकामनाएं। आप सभी को सपरिवार मंगलमय हो। 
अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नवरात्रे जब जब आयें।
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं;
खुशियों से ब्रहमांड तक को महकाएं।
यह केवल एक कैलेंडर नहीं, प्रकृति से सम्बन्ध है;
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है। 
 तदनुसार 31 मार्च 2014, इस धरा के वराह कल्प की   1955885114वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ   हुआ. आज के दिन की प्रतिष्ठा ?
1. भगवान राम का जन्म एवं कालांतर में राज्याभिषेक.  2. युधिस्ठिर संवत का आरंभ  3. विक्रमादित्य का दिग्विजय सहित विक्रमी संवत 2070 वर्ष पूर्व आरंभ  4. वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ  5. शिवाजी महाराज की राज्याभिषेक6. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ  के संस्थापक डॉ  
केशव बलिराम हेडगेवर जी का  जन्म  7. आर्य समाज की स्थापना भी वर्षप्रतिपदा को हुई।  देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे गुडी पडवा,   उगादी, दुर्गा पूजा आदि के रूप में मनाते है। ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे, जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे। 
धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म की जय हो।..
युगदर्पण परिवार की ओर से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित,चरअचर सभी के लिए गुडी पडवा, उगादी,
नव संवत 2071 , चैत्र प्रतिपदा की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं
जय भबानी,  जय श्री राम,  भारत माता की जय.
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे,  तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक 
व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMSहिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र2001
से पंजी सं RNI DelHin 11786/2001 (Join YDMS ;qx&niZ.k विशेष प्रस्तुति विविध विषयों के 28 ब्लाग, 
5 चैनल  अन्य सूत्र।) की 60 सेअधिक देशों में एक वैश्विक  पहचान है।
जागो और जगाओ!  जड़ों से जुड़ें, 
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विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाओ !!!     যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ  ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپयुग दर्पण:,  ;qx&niZ.k yugdarpan
Media For Nation First and last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMSतिलक -समूह संपादक 
युग दर्पण मीडिया समूह Yug Darpan Media Samooh 
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कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
 योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |
 इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक
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पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर
हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
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शनिवार, 29 मार्च 2014

अर्थात AK49 को AK47 का न्योता

अर्थात AK49 को AK47 का न्योता  
AK49 तुम मेरा समर्थन करोगे, तो जीत की ख़ुशी में कश्मीर तुम पर वार सकता हूँ, क्या विचार है?
AK47 बड़े मियां, हमें पता है तभी तो हमारी पूरी ताकत तुम्हे जिताने में लगी है। 
AK49 कोई चिंता मत करना बस मन्नत मनाओ, कि मैं जीत जाऊँ।  
AK47 यह भी कोई कहने की बात है। 
AK49 + AK47 दुनिया वालों यह हमारी आपस की बात तुम क्यों सुन रहे हो भाई ? 
दो भाई मिल रहे है, गले चुपके चुपके। योजना बन रही है, भविष्य की चुपके चुपके।। 
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया 
जनता को भ्रमित करे, तब पायें - 
नकारात्मक बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी व्यापक सार्थक विकल्प, 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS.
जागो और जगाओ!  जड़ों से जुड़ें, 
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS से जुड़ें!!
विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्वगुरु बनाओ !!!     
যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ  ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  
యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپयुग दर्पण:,  yugdarpan  9911111611. 
Media For Nation First & last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMS
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -
युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये। 
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं
http://aapaurpaap.blogspot.in/2014/03/ak-49.html
AK49, कश्मीर, चुपके-2, न्योता AK47,
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये।
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं
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वाह ! AK-49 वाह !!

 लोग AK47 से ही नहीं मारे जाते, हमने झाड़ू से विरोधी मारने का हुनर पाया है। 
मीडिया ने हमें हीरो बनाया 49 दिन की सत्ता पाई, क्या खूब बेवकूफ बनाया है। 
दिल्ली की कुर्सी छोटी थी बहुत, मेरी महत्वाकांक्षाओं के लिए, तभी ठुकराया है। 
सफल हो  हो, मित्रों ने मेरी क़ुरबानी बता, बड़ी कुर्सी के लिए रास्ता बनाया है। -AK 49।।
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युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
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"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये।
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं
AK-49, AK47, कुर्सी, भारत, भ्रमित, मीडिया, विकल्प, विश्वगुरु,
जो शर्मनिरपेक्ष, अपने दोहरे चरित्र व कृत्य से- देश धर्म संस्कृति के शत्रु;
राष्ट्रद्रोह व अपराध का संवर्धन, पोषण करते। उनसे ये देश बचाना होगा। तिलक
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रविवार, 16 मार्च 2014

बुरा ना मानो होली है:

बुरा ना मानो होली है: 


















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मोदी को रोकने के लिए चौकड़ी का कुचक्र। (होली का विशेष उपहार।)

                                                         नई दिल्ली।। यदि इन बातों में सत्य का दर्पण मिले, इसे मात्र एक संयोग माना जाये -सम्पादक। 
मोदी की बढती लोकप्रियता व कांग्रेस की हार को निश्चित जान सत्ता में सेंध लगाने में, एक नया कुचक्र चला गया है, जिसकी आशंका युगदर्पण को पहले ही थी। मीडिया के सर्वेक्षण व आंकलन के बाद यह जान कर कि कांग्रेस का सफाया निश्चित हो गया है, एक नयी योजना रची गई है। इस योजना के अंतर्गत मीडिया यह प्रचारित करेगी कि मीडिया व केजरीवाल में ठन गई हैं, जिससे उसे नायक बना कर दिल्ली पर थोपने का दाग भी धोया जा सके तथा टी आर पी भी बड़ सके।  नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री न बने, केजरीवाल फिर नायक बने इसके लिए चर्चा के केंद्र में लाये जा सके। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का समझौता दर्शाने की अटकलें भी दर्शाने का प्रयास किया जायेगा। इससे मीडिया दोहरा लक्ष्य भेदने का प्रयास करेगी, एक तो भाजपा की जगह केजरीवाल को लाने का प्रयास सफल हो, दूसरे मीडिया की भद्द पिटने से बचाई जा सके।
कांग्रेस के आतंरिक सूत्रों के अनुसार एक दशक से अधिक मीडिया,  झूठे गवाहों व केन्द्रीय जाँच एजेंसियों, विश्वस्त पत्रकारों के माध्यम मोदी को रोकने में असफल रहे। अमेरिका ने मैग्सेसे द्वारा फिलिपींस पर नियंत्रण को आधार बना अन्य देशों को हथियाने हेतु मैग्सेसे पुरस्कार आरम्भ किया। यह पुरस्कार भारत में कई लोगों को देने के बाद 'भारतीय मैग्सेसे' केवल एक केजरीवाल मिला। उसे पहले सीआईए के असीमित कोष से फोर्ड के माद्यम गैर सरकारी संग., बाद में राजनैतिक दल के रुपमे, धन दिया गया।  नवपाखंड चैनलों में नायकत्व प्रदान कर पद सुरक्षित किया जायेगा, पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री पद हेतु।  धोखेवाल तथा कांग्रेस के उपाध्यक्ष के बीच आगामी चुनाव को लेकर एक गुप्त समझौता हुआ है, जिसमें कांग्रेस अपना छूटता शासन मोदी के पास न जाये; धोखेवाल के मार्ग को सरल बनायेंगे, जीतकर धोखेवाल कांग्रेस की भद्द नहीं पीटेंगे
Remove C4, Save Bharat, C4 मिटाओ, भारत बचाओ बंगाल में सी.पी.एम. पहले ही सत्ता को खो चुकी है दिल्ली में इसके लिए कभी स्थान रहा ही नहीं। कांग्रेस के विकल्प में भाजपा को रोकना है, जैसे फ़िल्मी नायक नकली गुंडों को हरा कर नायिका प्रेमजाल में फंसता है, कांग्रेस को गालियाँ देकर के धोखेवाल दिल्ली के हितरक्षक का पाखंड कर प्रचार पाता है।  सत्ता पाने के बाद जनहित के प्रस्ताव न लाकर लोकपाल बिलको जानबूझकर अवैध ढांड से लाकर सत्ता त्याग का बहाना बनाना, दूसरों पर आरोप बाधा कड़ी कर दी गई है। 
यह पूर्व नियोजित चाल थी, कांग्रेस के एक सूत्र ने भी नाम न छापने की शर्त पर इस समाचार की पुष्टि की है।जैसा नायकत्व 10 वर्ष पूर्व सोनिए को मिला, देश हम कुछ बोल न सके।  मीडिया का पाखंड प्रचार इस बार केजरीवाल के लिए चालू है। तब 5 -10 वर्ष उसके पाप हम देख ही नहीं पाएंगे। देखिये आआपा के पाप ।http://aapaurpaap.blogspot.in/2014/03/blog-post_16.html

कांग्रेस के घोटालों और गुनाहों को कम करके न आँकें -राहुल।  (बुरा ना मानो होली है:)
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये।
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं
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बुधवार, 19 फ़रवरी 2014

हमारे आदर्श (1) छत्रपति शिवाजी

हमारे आदर्श (1) छत्रपति शिवाजी कुशल प्रशासक 
19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में जन्मे, 18 वें मराठा शासक, छत्रपति शिवाजी राजे भोसले ने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। उन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। वह सभी कलाओ मे पारांगत थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी । उनके पिता अप्रतिम शूरवीर थे | शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा। बचपन से ही वे उस युग के वातावरण और घटनाओँ को भली प्रकार समझने लगे थे। शासक वर्ग की करतूतों पर वे बेचैन और हो क्रोधित हो जाते थे। स्वाधीनता की लौ उनके बाल-हृदय में प्रज्ज्वलित हो गयी थी। संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण वे कुशल योद्धा माने जाते हैं।
बङी ही व्यवहारिक बुद्धी के स्वामी शिवाजी, वे तात्कालिक सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक परिस्थितियों के प्रति बहुत सजग थे। हिन्दु धर्म, गौ एवं ब्राह्मणों की रक्षा करना उनका उद्देश्य था। वो धार्मिक सहिष्णुता के पक्षधर भी थे । मुसलमानों को उनके साम्राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता थी और उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए विवश नहीं किया जाता था । कई मस्जिदों के निर्माण के लिए शिवाजी ने अनुदान दिया । हिन्दू पण्डितों की भांति मुसलमान सन्तों और फ़कीरों को भी सम्मान प्राप्त था । 
वे मुग़ल शासकों के अत्याचारों से भली-भाँति परचित थे इसलिए उनके अधीन नही रहना चाहते थे। उन्होने मावल प्रदेश के युवकों में देशप्रेम की भावना का संचार कर कुशल तथा वीर सैनिकों का एक दल बनाया। शिवाजी हिन्दु धर्म के रक्षक के रूप में मैदान में उतरे और मुग़ल शाशकों के विरुद्ध उन्होने युद्ध की घोषणां कर दी। शिवाजी अपने वीर तथा देशभक्त सैनिकों के सहयोग से जावली, रोहिङा, जुन्नार, कोंकण, कल्याणीं आदि उनेक प्रदेशों पर अधिकार स्थापित करने में सफल रहे। प्रतापगढ तथा रायगढ दुर्ग जीतने के बाद उन्होने रायगढ को मराठा राज्य की राजधानी बनाया था। शिवाजी पर महाराष्ट्र के लोकप्रिय संत रामदास एवं तुकाराम का भी प्रभाव था। संत रामदास शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु थे, उन्होने ही शिवाजी को देश-प्रेम और देशोउद्धार के लिये प्रेरित किया था।
शिवाजी की बढती शक्ती बीजापुर के लिये चिन्ता का विषय थी। आदिलशाह की विधवा बेगम ने अफजल खाँ को शिवाजी के विरुद्ध युद्ध के लिये भेजा था। कुछ परिस्थिती वश दोनो खुल्लम- खुल्ला युद्ध नही कर सकते थे। अतः दोनो पक्षों ने समझौता करना उचित समझा। 10 नवम्बर 1659 को भेंट का दिन तय हुआ। शिवाजी जैसे ही अफजल खाँ के गले मिले, अफजल खाँ ने शिवाजी पर वार कर दिया। शिवाजी को उसकी मंशा पर पहले से ही शक था, वो पूरी तैयारी से गये थे। शिवाजी ने अपना बगनखा अफजल खाँ के पेट में घुसेङ दिया । अफजल खाँ की मृत्यु के पश्चात, बीजापुर पर शिवाजी का अधिकार हो गया। इस विजय के उपलक्ष्य में शिवाजी, प्रतापगढ में एक मंदिर का निर्माण करवाया, जिसमें माँ भवानी की प्रतिमा को प्रतिष्ठित किया गया ।बीस वर्ष तक लगातार अपने साहस, शौर्य और रण-कुशलता द्वारा, शिवाजी ने अपने पिता की छोटी सी जागीर को एक स्वतंत्र तथा शक्तीशाली राज्य के रूप में स्थापित कर लिया था। 6 जून, 1674 को शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। शिवाजी जनता की सेवा को ही अपना धर्म मानते थे। उन्होने अपने प्रशासन में सभी वर्गों और सम्प्रदाय के अनुयायियों के लिये समान अवसर प्रदान किये। कई इतिहासकारों के अनुसार शिवाजी केवल निर्भिक सैनिक तथा सफल विजेता ही न थे, वरन अपनी प्रजा के प्रबुद्धशील शासक भी थे। शिवाजी के मंत्रीपरिषद् में आठ मंत्री थे, जिन्हे अष्ट-प्रधान कहते हैं।
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, 
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